अटल बिहारी वाजपेयी इस देश की राष्ट्रीयता के प्राणतत्व थे। भारत क्या है, अगर इसे एक पंक्ति में समझना हो तो अटल बिहारी वाजपेयी का नाम ही काफी है। वे लगभग आधी शताब्दी तक हमारी संसदीय प्रणाली के बेजोड़ नेता रहे। अपनी वक्तृत्व क्षमता से वे लोगों के दिलो में बसते थे। उनकी वाणी पर सरस्वती विराजमान थी। वे उदारता के प्रणेता थे।
समता समरसता की अलख जगाने वाले साधक थे। वे एक ऐसे युग मनीषी थे, जिनके हाथों में काल के कपाल पर लिखने, मिटाने का अमरत्व था। पांच दशक के लंबे संसदीय जीवन मे देश की राजनीति ने इस तपस्वी को सदैव पलकों पर बिठाए रखा। एक ऐसा तपस्वी जो आजीवन राग-अनुराग और लोभ-द्वेष से दूर राजनीति को मानव सेवा की प्रयोगशाला सिद्ध करने में लगा रहा।
अटल जी का जीवन आदर्शमयी प्रतिभा का ऐसा इंद्रधनुष था जिसके हर रंग में मौलिकता की छाप थी। पत्रकार का जीवन जिया तो उसके शीर्षस्थ प्रतिमानों के हर खांचे पर कुंदन की तरह खरे उतरे। राष्ट्रधर्म, वीर अर्जुन, पांचजन्य जैसे पत्रों को उनकी प्रमाणिकता और लोकप्रियता के शिखर तक पहुंचाया। कवि की भूमिका अपनाई तो उदारमना चेतना की समस्त उपमाएं बौनी कर दीं। अंतःकरण से गाया। श्वासों से निभाया। कभी कुछ मांगा भी तो बस इतना-
“मेरे प्रभु!
मुझे इतनी ऊंचाई कभी मत देना
गैरों को गले न लगा सकूं
इतनी रुखाई कभी मत देना।”
उनके भीतर का राजनेता हमेशा शोषितों और वंचितों की पीड़ा से तड़पता रहा। उनके राजनीतिक जीवन की बस एक ही दृष्टि रही कि एक ऐसे भारत का निर्माण कर सकें जो भूख, भय, निरक्षरता और अभाव से मुक्त हो। वे इसी आदर्श के लिए जिए। इसी की खातिर मरे। जीवन मे न कुछ जोड़ा, न घटाया। सिर्फ दिया। वो भी निस्पृह हाथों से। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पण्डित दीन दयाल उपाध्याय के आदर्शों की फलित भूमि पर उन्होंने राजनीति के जो अजेय सोपान गढ़े वो आज ऐसी लकीर बन चुके हैं जिन्हें पार करने का साहस स्वयं काल के पास भी नही।
देश के सवा सौ करोड़ से ज्यादा लोगों के ‘अटल जी’ यानी अटल बिहारी वाजपेयी हमारी इस राजनीति से कहीं ऊपर थे। मन, कर्म और वचन से राष्ट्रवाद का व्रत लेने वाले वे अकेले राजनेता थे। देश हो या विदेश अपनी पार्टी हो या विरोधी दल सभी उनकी प्रतिभा के कायल थे। सिर्फ़ बीसवीं सदी के ही नहीं वे इक्कीसवीं सदी के भी सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय वक्ता रहे।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने अटल बिहारी वाजपेयी में भारत का भविष्य देखा था। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि ‘वे एक दिन भारत का नेतृत्व करेंगे। डा.राममोहर लोहिया उनके हिंदी प्रेम के प्रशंसक थे। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर उन्हें संसद में ‘गुरुदेव’ कह कर ही बुलाते थे। डा.मनमोहन सिंह ने न्यूक्लियर डील के दौरान 5 मार्च 2008 को संसद में उन्हें राजनीति का भीष्म पितामह कहा था। इस देश में ऐसे गिनती के लोग होंगे, जिन्हें जनसभा से लेकर लोकसभा तक लोग नि:शब्द होकर सुनते थे।
ग्वालियर के शिंदे की छावनी से 25 दिसंबर 1924 को शुरू हुआ अटल बिहारी वाजपेयी का राजनीतिक सफर, पत्रकार संपादक, कवि, राजनेता, लोकप्रिय वक्ता से होता भारत के प्रधानमंत्री पद तक पहुंचा था। उनकी यह यात्रा बेहद ही रोचक और अविस्मरणीय रही। तीन बार देश के प्रधानमंत्री बनने वाले अटल बिहारी वाजपेयी सही मायनों में पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे। यानी अब तक बने प्रधानमंत्रियों से इतर न तो वे कभी कांग्रेस में रहे, न नही कांग्रेस के समर्थन से रहे। वो शुद्ध अर्थों में कांग्रेस विरोधी राजनीति की धुरी थे। पंडित नेहरु के बाद वे अकेले ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने लगातार तीन जनादेशों के बाद प्रधानमंत्री का पद पाया।
भारतीय राजनीति के इस सदाबहार नायक ने विज्ञान से एम.ए. करने के बाद पत्रकारिता की और तीन समाचार पत्रों ‘राष्ट्रधर्म’, ‘पांचजन्य’ और ‘वीर अर्जुन’ का संपादन भी किया। वाजपेयी जी देश के एक मात्र सांसद थे, जिन्होंने देश की छह अलग- अलग सीटों से चुनाव जीता था। हाजिर जवाब वाजपेयी पहले प्रधानमंत्री थे, जो प्रधानमंत्री बनने से पहले लंबे समय तक नेता विरोधी दल रहे। भारतीय राजनीति के विस्तृत कैनवास को अटल जी ने सूक्ष्मता और व्यापकता से समझा। वे उसके हर रंग को पहचानते थे। इसलिए प्रभावी रुप से उसे बिखेरते थे। वे ऐसे वक्ता थे जिनके पास इस देश के सवा सौ करोड़ श्रोताओं में से सबके लिए कुछ न कुछ मौलिक था। इसीलिए गए साठ वर्षों से देश उनकी ओर खींचता चला गया।
अटल जी के शासनकाल में भारत दुनिया के उन ताकतवर देशों में शुमार हुआ, जिनका सभी लोहा मानने लगे। पोखरण में परमाणु विस्फोटों की श्रृंखला से हम दुनिया के सामने सीना तान सके। प्रधानमंत्री रहते उन्होंने ‘भय’ और ‘भूखमुक्त’ भारत का सपना देखा था। बतौर विदेशमंत्री उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में पहली बार हिंदी को गुंजाया था। अटल जी जीवन भर इस घटना को अपना सबसे सुखद क्षण मानते रहे। जिनेवा के उस अवसर को आज भी भारतीय कूटनीति की मिसाल कहा जाता है जब भारतीय प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व करते हुए आतंकवाद के सवाल पर वाजपेयी जी ने पाकिस्तान को अलग- थलग कर दिया था। तब देश के प्रधानमंत्री पी.वी नरसिंह राव थे। ये उनकी ही सोच थी जो संकीर्णताओं की दहलीज पारकर चमकती थी और सीधा विश्व चेतना को संबोधित करती थी कि मन हार कर मैदान नहीं जीते जाते। न मैदान जीतने से मन जीते जाते हैं। ये बात उन्होंने तब कही थी जब 14 साल बाद भारतीय टीम पाकिस्तान के ऐतिहासिक क्रिकेट दौरे पर गई थी।
वे देश के चारों कोनों को जोड़ने वाली स्वर्णिम चतुर्भुज जैसी अविस्मरणीय योजना के शिल्पी थे। नदियों के एकीकरण जैसे कालजयी स्वप्न के द्रष्टा थे। मानव के रूप में महामानव थे। असंभव की किताबों पर जय का चक्रवर्ती निनाद करने वाले मानवता के स्वयंसेवक थे। उनकी स्मृतियों को नमन। अटल जी को कोटि-कोटि नमन।
41 Comments
Deeply saddened to know that former Prime Minister and one of the tallest leaders of India Sh Atal Bihari Vajpayee ji is no more!
It’s an immeasurable loss for the Nation!
I pray for Him ..May the Almighty grant strength to All of us!
ॐ शांति शांति शांति!!
Aum Shanti
अटल जी आज हमारे बीच में नहीं रहे, लेकिन उनकी प्रेरणा, उनका मार्गदर्शन, हर भारतीय को, हर भाजपा कार्यकर्ता को हमेशा मिलता रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके हर स्नेही को ये दुःख सहन करने की शक्ति दे। ओम शांति !
राजनीती के भगवान युग पुरूष भारत रत्न आपने जो प्रेरणा हम लोगो को दीया उस पथ पर चलकर आपके नए भारत का स्वपन पुरा करने का वचन लेता हू यही मेरी सच्ची श्रधांजली होगी ..रार नही ठानुगा हार नही मानुगा काल के कपाल 😢😢
मैं नि:शब्द हूं, शून्य में हूं,
हम सभी के श्रद्धेय अटल जी हमारे बीच नहीं रहे। अपने जीवन का प्रत्येक पल उन्होंने राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। उनका जाना, एक युग का अंत है।
भगवान हम सब 132 करोड़ देशवासियों के जीवन काल से केवल एक-एक सेकेंड कम करके मेरे प्रिय नेता श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की आयु को 132 करोड़ सेकेंड भी बढ़ा देता तो मैं भगवान का शुक्रगुज़ार होता
देश की राजनीति में ऐसे बहुत ही कम नेता आते हैं जिन्हें देश की जनता और विपक्ष बड़े ध्यान से सुनते थे।
अटल जी आज हमारे बीच नहीं हैं इस क्षति को राष्ट्र कभी नहीं भर पाएगा।
उनकी कविताएं और उनके भाषण से लोग प्रेरित होते रहेंगे।
अटल जी ऐसी सख्सियत थे जो खुद में एक आदर्श थे वो आदर्शो पे चलते थे यही वजह थी लोग उन्हें अपना नेता मानते थे उनके जाने से बोहोत दुखी हूं।
मोदी जी का नारा था अछे दिन।
लेकिन अछे दिन तो अटल जी के टाइम मौजूद थे हा ये सच है ये BJP बदल गयी ये वो अटल जी की BJP नही ।
लेकिन अटल जी हमारे दिल मे हमेशा रहेगे।
क्योकि अगर आज हम BJP समर्थक है तो उन्ही की वजह से ।
आदर्शो पे चलने वाले नेता उनके बाद शायद ही कोई अब आएगा।
In a single word ;
Kohinoor of Indin democracy is no more 🇮🇳
But ;
Mitti ki Jo hai Khush-bu ,Tu kaise bhulayega,Tu chahai Kahi Jaye ,Tu loot k aayega !🇮🇳
ठन गई
मौत से ठन गई
जूझने का मेरा इरादा न था
मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था
रास्ता रोक वह खड़ी हो गई
यों लगा ज़िन्दगी से बड़ी हो गई
मौत की उमर क्या है?दो पल भी नहीं
ज़िन्दगी सिलसिला,आज कल की नहीं
मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूँ
लौटकर आऊँगा,कूच से क्यों डरूँ?
– #AtalJi😢🙏🏻
अगर अब्दुल कलाम मिसाइल मैन थे तो अटल जी परमाणु मैन है इस देश के।
आज उन्ही की वजह से आज भारत पे कोई आँख उठाने से पहले 100 बार सोचता है।
भारत के सच्चे सपूत को मेरा नमन
In few word from "swades" –
Mitti Ki Hai Jo Khushboo, Tu Kaise Bhulayega
Tu Chahe Kahin Jayeh, Tu Laut Ke Aayega
Nayee-Nayee Raho Mein, Dabi-Dabi Aaho Mein
Khoyeh-Khoyeh Dil Se Tere Koi Yeh Kahega
Yeh Jo Des Hai Tera, Swades Hai Tera
Tujhe Hai Pukara….
Yeh Woh Bandhan Hai Jo Kabhi Toot Nahin Sakta👍
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Deeply saddened, Ataljee no more with us.
He has no genetic child but I think we all are child of atal ji .. he is just like our father and he is father of nation ..
Deeply saddened to know that former Prime Minister and one of the tallest leaders of India Sh Atal Bihari Vajpayee ji is no more!
I pray for Him ..May the Almighty grant strength to All of us!
ॐ शांति शांति शांति!!
मृत्यु अटल है
अटल अमर हैं।
महान राजनेता को श्रद्धांजलि।🙏💐🙏
ॐ शांति शांति शांति!!
अटल जी अटल सत्य को प्राप्त हुए,
वह आसमान का तारा बनकर राह दिखाते रहेंगे,
अश्रुपूरित श्रधांजलि 🙏🙏
॥ #और_कोई_भी_होता_तो_लड़_लेता,
#पर_क्या_करें_मृत्यु_भी_तो_अटल_है ॥
#आज_एक__अटल_के_आगे_दूसरा_अटल_हार_गया।
#AtalBihariVajpayee #अद्भुत_प्रतिभा_की_क्षति
आज हमारे बीच एक युग का अंत हो गया ।
हम सब के आदर्श, राष्टवाद के प्रेणता माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को कोटिशः कोटिशः नमन वन्दन🙏🙏
ॐ शांति ॐ भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे
युग-पुरुष, सबके चहेते जिनके बारे में कहने के लिए शब्द नहीं है अब और उनके बरे में क्या कहूँ बस इतना ही कहना चाहता हूँ कि यदि उनके बताए मार्ग पर सभी चलने लगे तो यह देश सशक्त बन जाएगा । शत् शत् नमन
मैं राजनीती नही समझता था तब से उन्हें जनता हूँ, मैं A for apple नही A for Atal, B for Bihari सीखा था,16अगस्त18 आज मैं दिन भर aiims में था… कुछ चमत्कार हो जाय पर नही…..😢
भगवान उनकी आत्मा का शांति दे और उनके विचारों को रौशनी दे। मैं उनके जीवन का हर एक पहलू अपने जीवन में अनुसरण करूँगा। अटल जी की विचारो का साझा करने के लिए अमित शाह जी को धन्यवाद।
अटल जी को शत शत नमन🙏
ॐ शांति शांति शांतिः।
ओजस्वी वक्ता, जनकवि व अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से मां भारती को विश्व में गौरवान्वित करने वाले भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष महान जननेता श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि।
Deeply saddened. A statesman extraordinary & a tall leader. Respected Bharatratna Atal Bihari Bajpayeeji will remain forever in our heart
Bhagwan unki aatma ko santi pradan kare
Mujhe politics me intereste atal Ji ke Karna hi hua Maine apne iss chote se jivan me atal Ji jaisa purush rajnii me nahi dekha….atal Ji ki yug purush the…
जो आया है उसे जाना है।यह अटल सत्य है।पर अटल जी का जाना प्रकृति के द्वारा मानवता पर एक क्रूर मजाक है।यह असहज है, अपूरणीय क्षति है।भगवान देशभक्त भारत रत्न श्री अटल जी की आत्मा को शांति प्रदान करें।आपके उच्च आदर्श हमसब को अनवरत प्रेरित करते रहेंगे।
Aj humne Atalji ke roop me ek aisa byakti kho diya hai,par unka dekhai gaye rasta sada hume prerna milta rehga.Atalji amar rage.
RIP for atal Ji…I have no words deeply saddened..
मौन है वो मौन है ना जाने वो कौन है करते हम तो याद है दिल मै बसे वो आप है
सादर नमन
तुम इंसान थे, पर महान थे,
प्रेरण-श्रोत, संजीदगी से ओत-प्रोत,
तुमने सिखाया, बहोत कुछ दिखाया,
पोखरण बड़ा था, अमेरिका भी अड़ा था,
पर तुम तो जटिल हो, क्योंकि तुम अटल हो…
🙏🙏🙏😔😔😔
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी जी कहीं नहीं गए वो हमारे दिलों में हमेशा अमर रहेंगे। आने वाली पीढ़ियाँ उनके उत्तम चरित्र को पढ़, सुनकर प्रेरणा प्राप्त करती रहेंगी
आज मेरे को मेरे बाबा की बहुत याद आरही है बाबा और परम श्रधेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी डीएवी कॉलेज कानपुर में साथ थे। बाबा के मित्र से अटल जी।
बाबा को अटल जी के प्रधानमंत्री बनने पर इतनी खुशी हुई थी कि उन्होंने मम्मी को कह कर देशी घी के बेसन लड्डू बनाने को कहा था और मम्मी ने बनाये भी थे। हमें याद है कि कैसे बाबा गौड़ साहब और खन्ना दादा जी को कहते नहीं थकते थे कि आज उनका दोस्त भारत का पीएम बना है।
बेसन के लड्डू का हनुमान जी को भोग लगाकर मम्मी ने सबको गली में बांटा था । जो सुन रहा था कह रहा था कमाल का याराना है जी। डॉक्टर साहब अटल जी से दिल्ली जाकर काहे नही मिल आते।
घर मे सारे बच्चों खास कर मुझे बाबा की हिदायत थी की
"अटल जी" को अटल दादा कहो बाबा कहो। नही तो मार पड़ेगी ।
हम सबके मार्गदर्शक, प्रेरणास्रोत, पूर्व प्रधानमंत्री, अमर युग पुरूष, महाकवि, भारतरत्न परम् श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के चरणों मे अपनी सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। और उनके पदचिन्हों पर चलकर देश सेवा का संकल्प लेता हूँ।
16 अगस्त को मेरा जन्म दिवस रहता हैं पर अब में अपने जीते जी अपना जन्मदिन कभी न मनाऊंगा,,ये मेरी और से प्रति वर्ष युग पुरुष को श्रद्धांजलि होगी,,,जय हिंद
greau tribute
A very nice and suitable post.
India ne apna bharat ratna kho diya Atal Ji ke roop me ek mahaan shaksiyat ko hum sb ki trf se bhavbhini shrddhaanjali.. RIP Atal Ji
Atal ji is great person
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